अगर ये 21 दिन न संभले तो कई परिवार हमेशा-हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगेः पीएम मोदी






प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आज रात यानि मंगलवार की रात 12 बजे से 21 दिन के लिए पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का साइकल तोड़ने के लिए यह 21 दिन जरूरी हैं। अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो फिर कई परिवार तबाह हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस लॉकडाउन को कर्फ्यू की तरह ही समझें। पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हर नागरिक को बचाने के लिए, आपके परिवार को बचाने के लिए घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है। देश के हर राज्य को हर केंद्रशासित प्रदेश, गली-मुहल्ले को लॉकडाउन किया जा रहा है। यह एक तरफ से कर्फ्यू ही है। यह जनता कर्फ्यू से बढ़कर है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प लिया था, हर भारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया। बच्चे, बुजुर्ग, छोटे-बड़े, गरीब, मध्यम हर वर्ग के लोग परीक्षा की इस घड़ी में साथ आए। जनता कर्फ्यू को हर भारतवासी ने सफल बनाया। एक दिन के जनता कर्फ्यू से भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, जब मानवता पर संकट आता है तो किस प्रकार से हम सभी भारतीय मिलकर एकजुट होकर मुकाबला करते हैं।




प्रधानमंत्री मोदी ने रात आठ बजे से देश को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी जनता कर्फ्यू के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। कोरोना की वैश्विक महामारी पर पूरी दुनिया की स्थिति को समाचारों के माध्यम से सुन और देख रहे हैं। दुनिया के समर्थ से समर्थ देश को भी कैसे इस महामारी ने बिल्कुल बेबस कर दिया है। ऐसा नहीं है कि ये देश प्रयास नहीं कर रहे हैं या फिर उनके पास संसाधनों की कमी है। लेकिन कोरोना वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियों और प्रयासों के बावजूद इन देशों में चुनौती बढ़ती ही जा रही है। इन सभी देशों के दो महीनों के अध्ययन से जो निष्कर्ष निकल रहा है, इस कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एक मात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग। एक दूसरे से दूर रहना, अपने घरों में ही बंद रहना, कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण की साइकिल है, उस साइकिल को तोड़ना ही होगा।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग गलतफहमी हैं कि सोशल डिस्टैंसिंग केवल मरीज के लिए आवश्यक है। यह सोचना सही नहीं है। सोशल डिस्टैंसिंग हर नागरिक के लिए, हर परिवार के लिए, परिवार के हर सदस्य के लिए है, प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही, कुछ लोगों की गलत सोच, आपको, आपके बच्चों को, आपके माता-पिता को, आपके परिवार को, आपके दोस्तों को और आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इतनी कीमत चुकानी पड़ेगी कि अंदाजा लगाना मुश्किल होगी।

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